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यस आई एम— 22























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"यह थी मेरी कैद होने की कहानी। किस तरह से मैं बारह वर्ष की छोटी सी आयु में कैद हो गई ,नही कैद कर दी गई।" लड़की ने एक लम्बी आह भरी और अपने चेहरे के सपाट भाव को बरकार रखते हुए आगे बोली।

"एक तरह से देखा जाए तो कुल मिला कर मैं 9 साल तक कैद में रही , जो किसी इंसान को कैद रखने के लिए बहुत ज्यादा समय है। किसी भी इंसान को आप जिंदगी भर कैद नहीं रख सकते, वह कभी ना कभी तो आजाद हो ही जाता है, ठीक वैसे ही जैसे मैं रिहा हो गई। मेरे परिवार वाले तो मुझे कभी समझ ही नही पाए तो बाकि के लोगों से उम्मीद लगाने का कोई फायदा नही है। उन लोगों ने उस दिन मुझे एक ऐसी सुनसान जगह पर कैद कर दिया था जहां पर कोई परिंदा तक भी आता जाता नही, वहां पर कोई तभी आता था जब मुझे खाना देना होता था। अब कोई ये सोच रहा होगा जब खाना पीना टाइम से मिल रहा था तो मुझे वहां पर किस बात की तकलीफ थी। भले ही इंसान को सब कुछ बैठे हुए ही क्यों ना मिल रहा हो पर अगर उसकी स्वतंत्रता को ही उस से छीन लिया जाए तो बाकि की चीजें उस इंसान के लिए बेकार ही है। कैद में रहने पर मुझे सबसे ज्यादा जिस समस्या का सामना करना पड़ा वह था मेरा दिमाग। मैं वहां पर अपने दिमाग का सही से इस्तेमाल नहीं कर पा रही थी जिसकी वजह से मैं बहुत परेशान हो गई थी। इंसान का दिमाग जीतना तेज होता है उसे चीजों को जानने के लिए उतने ही बड़े इलाके की जरूरत होती है। अगर मेरी जगह किसी को भी इस तरह से कैद कर दिया जाता तो वह सबसे पहले वहां से निकलने की कोशिश करता , जो मैंने भी की। पर मैं वहां से निकलने में नाकामयाब रही क्योंकि जिसे मैं दरवाजा सोच रही थी वहां पर तो कोई दरवाजा था ही नही। बल्कि वह तो मात्र एक छलावा था। शायद उन लोगों को यह बात पहले से ही मालूम थी कि मैं वहां से निकलने की कोशिश जरूर करूंगी इसलिए उन लोगों ने ये सब किया।" इतना बोलने के  बाद वह बड़े अजीब तरीके से हँसने लगी और अपनी बात को आगे बढ़ाती हुई बोली। 



"उन लोगों ने क्या सोचा था कि वें मुझे कैद करके करके रख लेंगे। ये तो उन लोगों का सबसे बड़ा वहम था। जिस वक्त मै कैद हुई थी उस वक्त ये सब मेरे लिए बहुत नया था। जिसके बारे में मुझे कुछ भी मालूम नही था। अगर मै अपनी बार करूं तो मुझे कैद में अकेले रहने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई क्योंकि अकेले रहने की मुझे बचपन से ही आदत पड़ चुकी थी। शुरूवात में तो मैंने वहां से निकलने के लिए बहुत हाथ पैर मारे , पर जब मुझे इस बात का एहसास हो गया कि मैं यहां से नही निकल सकती तब मैने कोशिश करनी बंद कर दी और इस उम्मीद में जीने लगी कि एक ना एक दिन तो मै यहां से जरूर बाहर निकलूंगी क्योंकि उम्मीद पर ही तो दुनिया कायम है। उसके बाद मैने खुद पर ही काम करना शूरु कर दिया। एक तो मेरा दिमाग पहले से ही जरुरत से ज्यादा तेज था उसके बाद मैने उस कमरे में बड़ी छानबीन के बाद एक बिन्दु बना लिया। उस बिंदु की मदद से मै त्राटक क्रिया करने लगी। इसके अलावा और भी व्यायाम करने शुरू कर दिए, जितना कुछ मैने अपनी बारह वर्ष की आयु मतलब कैद होने से पहले जाना और सीखा था उसी के बारे में सोचने लगी। अब मै इस बारे में तो नहीं बताऊंगी कि मैने वहां पर रहकर कैसा महसूस किया क्योंकि जो बातें आपको कष्ट दे उन्हें भूल जाना ही बेहतर है। किसी चीज को भूलने का सबसे आसान तरीके बस एक ही है कि उस बात के बारे में ज्यादा ना सोचा जाए। दूसरी बात अगर मै ये सब बताने लगी तो कोई इस बात को सुनेगा या जानेगा तो वह भी इन सब बातों से प्रभावित हो सकता है। जिसे इस बारे में जानने की ज्यादा ही जिज्ञासा है वह 9 साल की कैद में खुद को रखकर देख सकता है।

मेरा काम करने का सिलसिला यूंही चलता रहा। एक दिन मैं ध्यान में बैठी हुई थी तभी मुझे रोशन दान के बाहर से किसी चिड़िया की आवाज सुनाई दी। चिड़िया की आवाज सुनकर मुझे बहुत ज्यादा हैरानी हुई क्योंकि इससे पहले मैने वहां पर किसी भी जीव की आवाज नही सुनाई दी थी और उस दिन अचानक वह चिड़िया की आवाज। पहले तो मुझे कुछ भी समझ नही आया पर जब चिड़िया की आवाज के सुनने का सिलसिला बढ़ता गया, तब मैने इस बात पर अधिक ध्यान देना शुरू कर दिया। उसके बाद मुझे मालूम चला कि ये सब तभी होता है जब मैं ध्यान में होती हूं। धीरे धीरे मुझे सब मालूम पड़ता गया कि मैं दिमाग से बाकि जीवों के दिमाग को वश में करने लगी हूं और वह भी सिर्फ छोटे छोटे जीव के। इसी वजह से जोंक ने मुझे कांटा नही था क्योंकि मैंने उन्हें भी वश में कर लिया था। इतनी बात पता चलने के बाद मैने इस काम पर कई गुना मेहनत करनी शुरू कर दी और आखिर में मै अपने काम में सफल भी हो गई। पर एक बात मेरी अभी तक भी समझ में नहीं आई कि मैं  उस 17, 18 साल के लड़के दिमाग पर काबू क्यों नहीं कर पाई जबकि वह तो वहां पर पहले से ही मौजूद था। दूसरी बात वें लोग मुझे खाना कहां से और कैसे भेजते थे, शायद रोशनदान से क्योंकि जहां मैं कैद थी वह तो तहखाना था। जो भी हो इन सवालों के बारे में सोच कर मैं क्यों अपना दिमाग खराब कर रही हूं। जो होना था वह हो चुका। अब मै अपनी आने वाली जिन्दगी पर ध्यान दूंगी। किसी के दिमाग में अगर कोई सवाल आए तो वह मुझ से पूछ सकता है।"


बोलते बोलते वह लड़की एकदम से चुप हो गई और कुछ देर शांत रहने के बाद वह दोबारा फिर से बोलने लगी। "अब कुछ प्रश्न ओर बचे है , उनके जवाब भी आप लोगों को दे ही देती हूं। पहला ये कि जब मै खास थी तो क्या मेरा भाई भी खास है। तो इसका सीधा सा एक ही जवाब है नहीं। दुनिया में बस नगण्य लोग ही खास होते है जिनके अस्तिव को आम लोग स्वीकार नहीं कर पाते और उन लोगों के साथ भी वो ही करते है जो मेरे साथ हुआ। इसके अलावा ओर भी प्रश्न है जिसके जवाब मुझे देने है। जब मै कैद में थी तो कभी कभी वहां पर कुछ जहरीले जीव भी आ जाते थे और उनमें से कुछ जीव मुझे काट भी लेते थे। इतने साल उन जीवों के साथ और उनके काटे जाने की वजह से मेरे शरीर को इतनी तो आदत पड़ ही चुकी है कि मै थोड़े बहुत जहर की मात्रा को आराम से झेल सकूं। इसी वजह से जिस नींद की दवाई की डॉज को लेकर आम लोगों को नींद आ जाती है , उस डोज का मेरे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता। तभी तो उस खाने में नींद की दवाई होने के बाद भी मेरा खुद के ऊपर काबू रहा।"


अब तक वह लड़की शहर पहुंच चुकी थी और कुछ ही पलों में देखते ही देखते शहर की भीड़ में इस प्रकार विलुप्त हो गई जिस प्रकार समुंद्र में पानी की एक छोटी सी बूंद।



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To be continued................................💞


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1 Comments

Arshi khan

21-Dec-2021 05:04 PM

Oh what a suspence...!

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